मुस्लिम देश में ही सुरक्षित नहीं अल्लाह का घर… TLP ने पाकिस्तान में तोड़ी अहमदिया मस्जिद

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ अमानवीय बर्ताव की खबरें कोई नई बात नहीं हैं। हिंदू और सिख समुदाय पर हमले और उनके धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़, आए दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं। कट्टरपंथियों की प्रताड़ना झेलने वालों में अहमदिया, शिया और हजारा जैसे समुदाय भी शामिल हैं। ताजा मामला कराची से सामने आया है जहां शुक्रवार को कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक कर उसमें तोड़फोड़ को अंजाम दिया। ट्विटर पर शेयर एक वीडियो में हेलमेट पहने कुछ अज्ञात लोगों को मस्जिद की मीनारें तोड़ते हुए देखा जा सकता है।सूत्रों के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि मस्जिद पर हमले के वक्त पुलिसबल मौके पर मौजूद था। हमलावर पाकिस्तान की चरमपंथी इस्लामिक पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के सदस्य बताए जा रहे हैं। यह वही पार्टी है जिसके नेता मौलाना साद रिजवी को एक हालिया वीडियो में भड़काऊ बयान देते हुए देखा गया था। रिजवी ने कहा था कि हमें ‘एक हाथ में कुरान और दूसरे में परमाणु बम लेकर दुनिया के सामने जाना चाहिए। पूरी कायनात हमारे कदमों पर झुक जाएगी’।

मुस्लिम देश में सुरक्षित नहीं मस्जिदें

यह एक महीने के भीतर इस तरह की दूसरी घटना है। हाल ही में ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान (HRCP) ने पंजाब के वजीराबाद में अहमदिया मस्जिद पर हमले की कड़ी निंदा की थी। संगठन ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा की मांग की थी। बीते सोमवार को पेशावर की एक मस्जिद में भीषण सुसाइड हमला हुआ था। इसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे और सैंकड़ों घायल हुए थे। खबरों की मानें तो हमलावर पुलिस की वर्दी में था।

क्या बला है टीएलपी?

पाकिस्तान की चरमपंथी पार्टी टीएलपी की स्थापना 1 अगस्त 2015 को मौलाना खादिम हुसैन रिजवी ने की थी। खादिम हुसैन भी अपने भाषणों में ‘परमाणु बम’ की धमकी देते थे। वह ‘पाकिस्तान को इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ परमाणु बम इस्तेमाल करने’ की सलाह देते थे। 2017 में टीएलपी ने एक औपचारिक राजनीतिक पार्टी का रूप ले लिया। टीएलपी के नेता साद रिजवी ने 2021 में पाकिस्तान में एक बड़े विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। वह पैगंबर मोहम्मद की विवादित तस्वीर बनाने के खिलाफ फ्रांस के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करने की मांग कर रहे थे।