कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका… उपराष्ट्रपति ने किसानों के मुद्दे पर शिवराज सिंह चौहान से पूछ लिया बड़ा सवाल

मुंबई: देश में किसान आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। ऐसे में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों के मुद्दे पर सीधे तौर से केंद्र सरकार को घेरा है। ‘किसानों से किए गए वादे पूरे क्यों नहीं होते? इस तरह उन्होंने देश के कृषि मंत्री से कई सवाल पूछे हैं। इसके साथ ही वैश्विक मंच पर देश का रुतबा बढ़ने पर प्रकाश डालते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने बताया कि वर्तमान में कैसे ऐसी स्थिति में भी किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हो रहे हैं यानी नीति निर्माण सही रास्ते पर नहीं है। मुझे बताएं कि किसान का वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार को मुंबई में ICAR-CIRCOT (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-केंद्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस मौके पर बोलते हुए उन्होंने सरकार की कृषि नीति पर उंगली उठाई है। कृषि मंत्री जी सचमुच आपके लिए हर क्षण महत्वपूर्ण है। मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया मुझे बताएं कि किसान से क्या वादा किया गया था? वादा पूरा क्यों नहीं हुआ? वादा पूरा करने के लिए हमें क्या करना चाहिए? पिछले साल भी विरोध हुआ था, इस साल भी विरोध हो रहा है। समय का पहिया घूम रहा है। लेकिन हम कुछ नहीं करते।किसानों की स्थिति पर भी चिंता जताईइसके अलावा धनखड़ ने देश में किसानों की स्थिति पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि दुनिया के पीछे मैं पहली बार भारत को बदलता हुआ देख रहा हूं। मुझे पहली बार एहसास हो रहा है कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं बल्कि हमारा लक्ष्य है। मौजूदा स्थिति को देखें तो भारत दुनिया में इतने ऊंचे पायदान पर कभी नहीं रहा। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान घबराया हुआ क्यों है? किसान अकेला बेबस है।समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया को संदेश दिया है कि समाधान केवल बातचीत से ही निकल सकता है। ऐसे में किसानों की समस्या दूर की जाए। उपराष्ट्रपति ने कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में सक्रिय संस्थानों से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत अपने किसानों के बिना एक समृद्ध देश नहीं बन सकता। उन्होंने कहा कि एक गौरवशाली, समृद्ध भारत का निर्माण किसानों के बिना नहीं हो सकता। आज भी कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। किसानों का दिल्ली में मार्चदरअसल सोमवार को देश के किसानों का दिल्ली मार्च हुआ। किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर जोरदार आंदोलन शुरू कर दिया। इसको लेकर उपराष्ट्रपति ने कई सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति किसानों के हितों को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए उनके बयान को महत्व मिल गया है। इस बीच सरकार चलाने का अच्छा अनुभव रखने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।