गौतम अडानी ने कही बड़ी बात
अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि हमें एफपीओ का पूरा सब्सक्रिप्शन मिला, जिसके लिए हम निवेशकों के आभारी है। बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए बोर्ड ने इस एफपीओ को रद्द करने का फैसला लिया है । उन्होंने कहा कि हमने शेयर बाजार में जारी हलचल को देखते हुए निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया है। एफपीओ से प्राप्त रकम को हम वापस करने जा रहे है। अडानी एंटरप्राइजेज ने 1 फरवरी को अचानक अपना एफपीओ वापस लेने का फैसला ले लिया। उन्होंने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि वो इस एफपीओ को कैंसिल कर रहे है। 20 हजार करोड़ रुपये के इस एफपीओ को फुल सब्सक्रिप्शन मिली। बोली के आखिरी दिन जबरदस्त रिस्पांस मिला। 31 जनवरी को एफपीओ का सब्सक्रिप्शन बंद हुआ और 1 फरवरी को इसके कैंसिल होने की खबर आ गई। अचानक से लिए गए इस फैसले को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ठीक उसी वक्त आई, जब अडानी समूह ने अपना एफपीओ लॉन्च किया। शॉर्ट सेलर कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि अडानी की कंपनियां कर्ज के बोझ तले दबी है। उनके शेयरों के दाम ओवरप्राइस है। कंपनी ने 88 सवाल पूछे। इस रिपोर्ट के आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयर गिरने लगे। गौरतलब है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने 4.55 करोड़ शेयरों की बिडिंग की थी। तीसरे दिन एफपीओ को जबरदस्त रिस्पांस मिला और 4.62 करोड़ शेयरों की बोली लगी। खुदरा निवेशकों का इस एफपीओ में खास रुझान नहीं दिखा, जिसकी वजह इसकी प्राइस बैंड थी। वहीं एंजल निवेशकों से खूब उत्साह दिखाया ।