
दरअसल बीते दिनों पटना में अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि देश का माहौल अब रहने लायक नहीं हैं। उन्होंने बेटा-बेटी को सलाह दी है कि जहां नौकरी करते हैं, अगर वहां की नागरिगता मिलती है तो ले लें। अब इंडिया में माहौल नहीं रह गया है कि तुम लोग झेल पाओगे। हालांकि विवाद बढ़ता देख अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सफाई देते हुए कहा कि आज की सियासत के लिहाज से मैंने बात कही थी। लेकिन मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं, अगर मेरा जन्म 10 बार हो तो वो भारत में ही हो।
भारत मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित देश: बदरुद्दीन अजमल
अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान से सत्ता में सहयोगी दल जेडीयू के नेता भी इत्तेफाक नहीं रखते हैं। जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलयावी ने कहा कि धर्म को निशाना बनाना फैशन हो गया है। इस पर कानून बनना चाहिए। वहीं एआईयूडीएफ (AIUDF) के अध्यक्ष और सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा कि भारत मुसलमानों के लिए सबसे सुरक्षित देश है। अब्दुल बारी सिद्दीकी साहब जिस लंदन की बात कर रहे हैं, उस लंदन के हालत देखो, लंदन में ब्लास्ट नहीं हो रहे हैं क्या।
जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां: फारूक अब्दुल्ला
इधर RJD नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देश जरूर मुश्किल से गुजर रहा है, नफरतें बढ़ गई हैं लेकिन देश छोड़ने से नफरतें दूर नहीं होंगी। देश में रहकर आपको इसे खत्म करना होगा। सभी लोग खराब नहीं है, अच्छे लोगों की भी बहुत बड़ी संख्या है। उन्होंने राजकपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर का गीत गाते हुए कहा- जीना यहां मरना यहां इसके सिवा जाना कहां।