आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है, जिसमें दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
उच्च न्यायालय ने सात फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया था। सिंह दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका अधिवक्ता विवेक जैन और रजत भारद्वाज के माध्यम से दायर की गई है।
अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि जमानत देने के इस चरण में सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा के बयान की स्वीकार्यता के मुद्दे की पड़ताल नहीं की जा सकती है और इसकी पड़ताल सुनवाई के दौरान की जाएगी।
अदालत ने कहा था कि सरकारी गवाह अरोड़ा और गवाहों के बयान सहित सिंह के खिलाफ उपलब्ध तथ्यों को देखते हुए इस स्तर पर राहत नहीं दी जा सकती। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चार अक्टूबर, 2023 को गिरफ्तार किए गए सिंह ने उच्च न्यायालय के समक्ष इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और पूर्वनियोजित भ्रष्टाचार से जुड़े अपराध में उनकी कोई भूमिका नहीं है।