नई दिल्ली: आप चीज़ बड़ी हैं मस्त-मस्त… सोशल मीडिया पर इन दिनों ये लाइन वायरल हो रही है। कुछ लोग मौज ले रहे हैं तो कुछ खिंचाई के मूड में दिख रहे हैं। यशवंत देशमुख जैसे कई लोगों को समझ में ही नहीं आया कि लोग ‘तू’ और ‘आप’ की कैसी डिबेट कर रहे हैं। इसकी शुरुआत कहां से हुई भाई? एक यूजर ने लिखा, ‘तू पे ऐतना बवाल कट रहा है ‘रे’ और ‘रै’ पर क्या होगा?’ किसकी भावनाएं आहत हुईं और माजरा क्या है? थोड़ा सर्च करने पर पूरी बात समझ में आ गई। कुछ दिन पहले एक ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘मुंबई के लोगों से हिंदी में बात ना करना। आपको वे ‘तू’ बुलाकर बात करेंगे। यह बर्ताव स्वीकार नहीं।’ उसी शख्स ने आगे लिखा कि मराठी बोलने वाले ये लोग अपनी मां और दादी के लिए ‘तू’ बोलते हैं लेकिन वे अपने पिता, दादा या दूसरे पुरुषों के लिए ऐसी हिम्मत नहीं दिखाते। फिर क्या था 2-3 दिन में सोशल मीडिया पर बहस ही छिड़ गई।लोग कहने लगे कि अब ‘तू चीज़ बड़ी है मस्त-मस्त’ गाने के बोल बदलकर ‘आप चीज़ बड़ी हैं मस्त-मस्त’ हो जाएगा। कुछ पत्रकार भी इस डिबेट में कूद गए। एक ने लिखा मुझे जब कोई ‘तू’ कहकर बुलाता है तो बहुत खराब लगता है। कुछ साल पहले बॉम्बे में मुझसे ऐसे ही अभद्रतापूर्वक बात की गई थी। मैंने कंडक्टर से बात की तो उसने कहा, ‘तेरे को आगे जाके खड़े होने का’। मुझे बॉम्बे कभी अच्छा नहीं लगा।एक वरिष्ठ पत्रकार ने इसके जवाब में लिखा, ‘मुझे अपने घनिष्ठ मित्रों से भी ‘तू’ सुनना अच्छा नहीं लगता। मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सामने वाले की मंशा क्या है क्योंकि मुझे ‘तू’ शब्द काफी असम्मानजनक लगता है। मैं अपने पालतू कुत्ते-बिल्लियों को भी तू नहीं कहती।’ बहस लंबी खिंचने लगी। एक एंकर ने लिखा कि तू-आप-तुम वाली चर्चा केवल उत्तर भारतीयों के लिए नहीं है? मुंबई और बाकी सभी अलग तरह की हिंदी बोलते हैं। एक अन्य पत्रकार ने हल्के मूड में लिखा, ‘मुंबई क्या बोलती तू।’ मीम्स भी बनने लगे हैं। इस डिबेट में कई यूजरों ने हिंदी में ‘तू’ शब्द के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई है। चर्चा अब भी जारी है। ‘मोहरा’ फिल्म के मशहूर गाने की बात चली है तो गाना भी सुन लीजिए।