छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान हैं… पापा की तबीयत बिगड़ी तो ठेले पर लेकर 3 किमी चला मासूम

पटना/भोपाल: ‘पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है, पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है। पिता एक जीवन को जीवन का दान है, पिता दुनिया दिखाने का अहसान है। पिता सुरक्षा हैं सिर पर हाथ है, पिता नहीं तो बचपन अनाथ है।’ ओम व्यास ओम की पिता पर लिखी ये कविता जिंदगी के बेहद करीब है। जी हां… एक बच्चे के लिए पिता आसमान की तरह होते हैं, जो हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। अगर उन पर कोई मुसीबत आ जाए तो बेटा हो या बेटी… उनके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं। इस बात की मिसाल पेश की आरजेडी सुप्रीमो की बेटी ने, जिन्होंने अपने पिता की जिंदगी के लिए अपनी एक किडनी दान कर दी। अभी रोहिणी की चर्चा चल ही रही थी। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के सिंगरौली में 7 साल का एक मासूम अपने पिता की जान बचाने के लिए फरिश्ता बनकर आया। 7 साल के मासूम ने पेश की मिसालहुआ ये कि सिंगरौली जिले में सात साल का ये मासूम अपने पिता को ठेले में लेकर अस्पताल पहुंचा। इस बच्चे के पिता की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सिंगरौली जिले के बैढन में एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने पर परिजन परेशान थे कि आखिर उन्हें कैसे अस्पताल ले जाएं। ऐसे में 7 साल के बच्चे ने पिता को ठेले पर ही अस्पताल लेकर चल दिया। इस दौरान बच्चा और उसकी मां तेज धूप के बावजूद हाथ ठेले को करीब 3 किलोमीटर तक खींचते हुए किसी तरह से जिला अस्पताल पहुंचे। एंबुलेंस नहीं मिली तो ठेले पर पिता को लेकर पहुंचा अस्पतालसिंगरौली का ये वीडियो सोशल मीडिया में जैसे ही वायरल हुआ अधिकारियों ने तुरंत ही मामले की जांच के निर्देश दिए। पूरा मामला बैढन कोतवाली थाना इलाके में बलियारी के रहने वाले शाह परिवार से जुड़ा हुआ है। एक शख्स की अचानक तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद परिजनों ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन करीब आधा घंटा बीत गया और एंबुलेंस नहीं पहुंची। 3 किमी तक पैदल चला मासूम, हर कोई कर रहा तारीफआखिरकार इस शख्स के बच्चे ने पिता की जिंदगी बचाने के लिए मोर्चा संभाला। ठेले पर अपने पिता को लिटाया और अपनी मां के सहयोग से उनको अस्पताल लेकर पहुंचा। एक मासूम ने जिस तरह से अपने पिता की जान बचाने के लिए खुद फैसला लिया ये बेहद अहम है। हर कोई बच्चे के इस कदम की तारीफ कर रहे हैं। पिता लालू के लिए बेटी रोहिणी ने दान कर दी किडनीइससे पहले रोहिणी आचार्य ने भी पिता लालू यादव को अपनी किडनी देकर नई जिंदगी दी। रोहिणी आचार्य के इस कदम को पूरे देश में सराहा। ट्विटर और सोशल मीडिया के जमाने में लालू यादव के किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़े अपडेट लगातार सोशल मीडिया पर देखने मिली। जिस तरह से एक बेटी अपने पिता के लिए ढाल बनीं उसे हर कोई सलाम कर रहा।