मुंबई: शिवसेना के नाम और चिह्न की जंग जीतने के बाद महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की। होटल ताज में हुई बैठक में कई अहम प्रस्ताव पेश पास हुए। इसमें वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग भी शामिल है। पार्टी विरोधी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष रणनीति पर काम होगा। इसके लिए तीन सदस्यीय कमिटी का गठन किया गया है।राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे ने की। इसके अलावा बैठक में चर्चगेट रेलवे स्टेशन का नाम पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिंतामनराव देशमुख के नाम पर करने का प्रस्ताव भी पेश हुआ।बैठक में दूसरे प्रस्ताव जो पेश हुए- -राज्य में सभी परियोजनाओं में 80 फीसदी रोजगार भूमिपुत्रों और स्थानीय युवाओं को देने की मांग- मराठी को कुलीन भाषा का दर्जा देने की मांग- यूपीएससी और एमपीएससी के लिए मराठी छात्रों को मजबूत समर्थन देने का प्रस्तावशिंदे बने शिवसेना के नेताबैठक के बाद महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा, ‘आज हमने सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एक बैठक की। एकनाथ शिंदे हमारी शिवसेना के प्रमुख होंगे। हमने उन्हें शिवसेना के नेता के रूप में स्वीकार किया है।’ उन्होंने बताया कि बैठक में सरकार के कामकाज पर चर्चा हुई।उदय सामंत ने अहम जानकारी देते हुए बताया कि ‘पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने वालों के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। एकनाथ शिंदे के पास पार्टी की सभी शक्तियां होंगी। इस बैठक में मराठी को अभिजात वर्ग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया। 80 फीसदी भूमिपुत्रों को रोजगार देने और स्वतंत्रता सेनानी सावरकर को भारत रत्न देने का भी फैसला किया गया है।’उद्धव गुट भी कर चुका है भारत रत्न की मांगदिलचस्प यह है कि वीर सावरकर को भारत रत्न देने की मांग उद्धव ठाकरे गुट भी कर चुका है। पिछले हफ्ते चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित किया था। इसे उद्धव गुट के लिए बड़ा झटका माना गया जो पिछले साल शिंदे समर्थकों के विद्रोह के बाद से नाम और चिह्न पर दावा कर रहा था। अपने 78 पेज के फैसले में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि विधान मंडल के सदन से लेकर संगठन तक में शिंदे गुट के पास ही बहुमत देखा गया।