700 साल पुराना ‘बाबा मंगलनाथ’ का मंदिर, यहां 22 सालों से जल रही अखंड ज्योति

इस सृष्टि में भगवान शिव लोगों का कल्याण करने के लिए अलग-अलग जगह अपने अलग-अलग चमत्कारिक रूपों में विराजमान है. जो लोगों की भक्ति और आस्था का केंद्र बने हुए हैं. ऐसे ही भगवान शिव का एक सिद्ध स्वरूप मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के शाजापुर में मां राजराजेश्वरी मंदिर के पीछे बाबा मंगलनाथ का अति प्राचीन मंदिर स्तिथ है. जो करीब 700 साल पुराना है. यहां पर 22 सालों से अखंड ज्योत जल रही है ओर 9 साल से मंदिर में अखंड रामायण का पाठ भी हो रहा है. वही खास बात यह है कि बाबा मंगलेश का यह मंदिर शमशान के सामने स्थित है.
मंदिर के पास से चंद्रकला भागा नदी बहती है. जिसको आज चिल्लर नदी के नाम से जाना जाता है. बता दें की भारत में काशी विश्वनाथ का मंदिर जो शमशान के सामने हैं जिनके सामने चिताए जलाया जाती है और एक मंदिर शाजापुर में स्थित है जो बाबा मंगल नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के पुजारी से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा कि पिछले 8 पीढ़ियों से मेरे पूर्वज यहां पर पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर की तरह शाजापुर का यह मंगलनाथ मंदिर भी कर्क रेखा पर स्थित है.
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मंगल के दोष को दूर करते हैं बाबा मंगलनाथ
इस मंदिर पर लोगों की गहरी आस्था है. दूरदराज से भी लोग यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. ऐसा माना जाता है कि बाबा मंगलनाथ मंगल के दोष को दूर करते हैं. इसी के चलते जिन लोगों को मंगल का दोष रहता है. वह विवाह से पहले यहां पर पूजा अर्चना करने आते हैं. जिससे मंगल का जो दोष रहता है. वह थोड़ा शांत हो जाता है. मंदिर में जो भी श्रद्धालु मनोकामना लेकर आता है. उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.
मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु बाबा मंगलनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं. यह मंदिर बड़ा ही प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है. ऐसा भी कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा मंगलेश की आराधना करता है वह कर्ज मुक्त हो जाता है.
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