जापान के 500 सैनिकों को एक ही रात में जिंदा निगल गए थे मगरमच्छ, नरक जैसी आ रही थी आवाज, गिनीज बुक में दर्ज है रिकॉर्ड

वॉशिंगटन: दुनिया के सबसे घातक जानवरों में शेर, चीता के साथ-साथ मगरमच्छ भी आता है। दुनिया के सबसे घातक मगरमच्छ हमलों की बात करें तो यह ‘रामरी द्वीप नरसंहार’ है जिसमें 500 सैनिकों को मगरमच्छ जिंदा खा गए था। जिन लोगों के साथियों पर यह हमला हुआ था उनका कहना है कि उन्होंने नरक के शोर को देखा है। रामरी द्वीप नरसंहार को कई लोग इतिहास का सबसे भयानक मगरमच्छ हमला मानते हैं। इस नरसंहार में लगभग 100 मगरमच्छ अंधेरे दलदल से भाग रहे सैनिकों पर टूट पड़े थे।यह घटना 79 साल पहले हुई था, जब ब्रिटिश सैनिक दूसरे विश्व युद्ध के चरम के दौरान बर्मा (म्यांमार) में लड़ रहे थे। लड़ाई के दौरान ब्रिटिश सैनिकों ने 1000 दुश्मन जापानी सैनिकों को दलदली मैंग्रोव जंगल में पीछे धकेल दिया था। लड़ाई दोनों तरफ से चल रही थी। लेकिन जब दोनों सेनाएं एक दूसरे के हमले से बचने की कोशिश कर रही थीं, तभी एक तीसरा दुश्मन आ गया। दुर्भाग्य से जापानी सैनिकों को अंदाजा भी नहीं था कि आखिर उनकी और कौन सा खतरा बढ़ रहा है।500 सैनिक दलदल से नहीं निकलेप्रकृतिवादी ब्रूस स्टैनली राइट का दावा है कि वह इस घटना के दौरान मौजूद थे। उनका कहना है कि युद्ध के शोर और खून की गंध मगरमच्छों को पहले ही मिल गई थी। लगभग 100 मगरमच्छ इन सैनिकों के इंतजार में लेटे थे। उन्होंने आगे कहा, ‘ज्वार के उतार के साथ मगरमच्छों ने मृत, घायल और गैर-घायल लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। वह रात क्रू के किसी भी सदस्य की सबसे भयानक थी।’ उन्होंने कहा कि इस बात की सटीक जानकारी नहीं कि कितने सैनिक इस हमले में मारे गए। लेकिन संभवतः 500 लोग कभी दलदल से नहीं निकले।नरक की आई आवाजराइट ने कहा, ‘इन बड़े मगरमच्छों के हमलों से चिल्लाहट की आवाज आने लगी। सैनिक फायर करने लगे। यह नरक जैसी आवाज थी, जिसे शायद ही पृथ्वी पर दोहराया जा सके।’ उन्होंने कहा कि मगरमच्छों ने जो कुछ छोड़ा, उसे खाने के लिए सुबह गिद्ध आ गए। द सन की रिपोर्ट के मुताबिक राइट के इस दावे के कारण केवल 20 जापानी सैनिक जिंदा बचे थे। उनकी कहानी के कारण इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अब तक का सबसे भयानक जानवर के हमले के रूप में दर्ज किया गया।