फ्रांस विदेश मंत्री कैथरीन कोलोन्ना ने दावा किया है कि उनके पांच नागरिकों को ईरान ने पकड़ रखा है. उन्होंने कहा, ‘मैं आज दोपहर ईरानी विदेश मंत्री से बात करके ईरान में पकड़े गए हमारे सभी लोगों की तत्काल रिहाई की मांग करूंगीं. कोलोन्ना ने फ्रांस इंटर रेडियो को ये बात बताई. इससे पहले फ्रांस ने कहा था कि उसके चार नागरिकों को इस्लामिक गणराज्य में हिरासत में लिया गया.
ईरान में इस वक्त बड़े पैमानों पर प्रोटेस्ट चल रहा है. ये प्रदर्शन सरकार के उस फरमान के खिलाफ हो रहे हैं जिसमें लड़कियों को हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया है. एक महीने पहले ईरानी युवती महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद तेहरान में काफी बवाल हुआ था. फ्रांस को डर है कि कहीं उसके नागरिकों के साथ ईरान में गलत न हो. इस कारण वहां की सरकार जल्द से जल्द उनकी रिहाई चाहती है.
ईरान ने जारी किया था वीडियो
कुछ दिन पहले ईरान ने एक वीडियो जारी किया था. वीडियो में दिखाया गया है कि हिरासत में लिये गये दो फ्रांसीसी नगारिक कथित तौर पर जासूसी करने की बात कबूल कर रहे हैं. ईरानी नेता यह दर्शाने की कोशिश कर रहे हैं कि सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शन का कारण ईरान पुलिस की हिरासत में 22 वर्षीय महिला की मौत के कारण उपजा व्यापक जन आक्रोश नहीं है, बल्कि यह विदेशी साजिश है.
फ्रांस ने लगाई लताड़
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए की ओर से जारी वीडियो में जैक्स पेरिस और सेसिल कोहलर को दिखाया गया है, जो फ्रांस के नेशनल फेडरेशन ऑफ एजुकेशन, कल्चर एंड वोकेशनल ट्रेनिंग से जुड़े हैं. फ्रांस की सरकार ने इस आरोप के जवाब में तीखी फटकार लगाई है और हिरासत में लिये गये फ्रांसीसी नगारिकों की दुर्दशा को राज्य बंधक के रूप में वर्णित किया था.
ईरान जबरन जासूसी की बात स्वीकार करा रहा
ईरान लंबे समय से हिरासत में लिए गये पश्चिमी नागिरकों को बातचीत के दौरान सौदेबाजी चिप्स के रूप में इस्तेमाल करता रहा है. ईरान ने इसके पहले जासूसी के आरोप को लेकर कोई सार्वजनिक साक्ष्य नहीं दिया था. फ्रांस के विदेश मंत्री कैथरिन कोलोन्ना ने कहा, वीडियो में हिरासत में लिये गये फ्रांसीसी नगारिकों की जबरन ली गई कथित स्वीकारोक्ति अपमानजनक है.
वीडियो में खुद को बताया खुफिया एजेंट
इस वीडियो क्लिप में कोहलर को सिर पर स्कार्फ पहने दिखाया गया है जिसमें वह खुद को फ्रांस की विदेशी सुरक्षा सेवा की एक खुफिया एजेंट बता रही है. इस तरह पेरिस को कथित तौर पर यह कहते दिखा गया है कि, फ्रांसीसी विदेशी सुरक्षा सेवा में हमारा लक्ष्य ईरान सरकार पर दबाव बनाना है.
(भाषा इनपुट के साथ)