स्कूल में आयरन की गोली खाने से 41 बच्चे हुए थे बीमार, अब मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के अंबाडा की शासकीय विद्यालय के 44 बच्चे को शिक्षकों द्वारा गलत दवाई देने के बाद बीमार हो गए थे. जिनका पिछले दिनों शासकीय अस्पताल में इलाज किया गया था. इस मामले को TV9 भारतवर्ष में प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद मानव अधिकार आयोग ने मामले पर लिया संज्ञान लेकर शिक्षा विभाग से रिपोर्ट मांगी है.बता दें कि, इस मामले पर स्कूल के प्रधानाध्यापक गया प्रसाद दुबे को काम के प्रति लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है.
दरअसल, बुरहानपुर में अंबाडा गांव के शासकीय स्कूल में 44 विद्यार्थियों को आयरन की गोली के नाम पर मेट्रोनिडाजोल की गोली टीचरों ने बच्चों को खिला दी थीं, जिसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी. उनको जी मिचलाना और उल्टी दस्त की शिकायत हुई. प्रधान पाठक ने आनन-फानन में गांव के डॉक्टर को बुलाकर उनका इलाज करना चाहा. लेकिन मामला नही जमा. जिसके बाद फिर उन्होंने सभी बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया और सभी बच्चों का इलाज किया गया.
विभाग ने दिए थे जांच के आदेश
वहीं, इस पूरे मामले पर प्रधान पाठक को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाए. साथ ही विभाग ने जांच करने का आदेश दे दिए हैं. बता दें कि जिले में इस तरह की घटनाओं की बार-बार पुनरावृत्ति हो चुकी है. बावजूद इसके जिला प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग अभी भी नहीं समझ पा रहा है. हालांकि, इस पूरे मामले पर जिला प्रशासन ने भी संज्ञान लेते हुए जांच टीम का गठन कर दिया है और जांच करने का टीम जिला प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी गई. लेकिन मामला गंभीर है और बच्चों की जान का सवाल है.
क्या है मामला?
बता दें कि, ये मामला 14 फरवरी का है. जब अंबाडा गांव के शासकीय विद्यालय के 44 बच्चों की तबीयत गलत गोली देने के चलते खराब हो गई थी, जिसकी खबर को TV9 भारतवर्ष में प्रमुखता से प्रकाशित किया. जिसके पास इस खबर का बड़ा असर देखने को मिल रहा है. इस खबर पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग और जिला प्रशासन ने जवाब तलब किया.
CMHO बोले- 3 सदस्य टीम केस की करेगी जांच-पड़ताल
इस मामले में जब TV 9 भारतवर्ष की टीम ने सीएचएमओ राजेश सिसोदिया से पूछा तो उन्होंने बताया कि इस मामले में जवाब तलब किया गया है, जिसको लेकर हमने जांच टीम का गठन कर दिया है. फिलहाल इसकी जांच की जा रही है कि स्कूल में गलत दवाई कैसे पहुंची. ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही ही शिक्षकों से कैसे हुई. 3 सदस्य टीम इस बात की जांच करेगी. ऐसे में संबंधित विभाग और हमारे व्यवहार में प्रतिवेदन करेंगी. ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो कर बच्चों की जान से खिलवाड़ ना हो सकें.