14 दिन में हार्ट अटैक से 30 की मौत, 100 से ज़्यादा मामले; डॉक्टर बोले- समय पर बॉडी चेकअप जरूरी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के लिए नए साल की शुरुआत ठीक नहीं रही है. जहां पिछले दो हफ्तें में ही भोपाल में अब तक 30 लोगों की हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है. वहीं, 100 से ज्यादा मामले भी सामने आ चुके है. ऐसे में चिंता वाली बात यही है कि इसमें ज़्यादातर युवा मरीज है. डॉक्टर अजय शर्मा जोकि जीएमसी में कार्डियोलाजी विभाग में प्रोफ़ेसर है. वहीं, TV9 भारतवर्ष से बातचीत में उन्होंने कहा हृदयघात के मामलों में लोगों की लापरवाही मुख्य वजह होती है. हमीदिया अस्पताल में रोज़ाना ही हार्ट अटैक के 10 से ज़्यादा मामले आ रहे है, जिसमें से 1 से 2 मरीज़ों की मौत हो रही है.
दरअसल, राजधानी भोपाल में मौत का आंकड़ा 30 तक पहुंचा है. इसमें ज्यादातर मरीज युवा है 25 से 30 साल के युवा इसे समझने में काफी देर कर देते हैं कि उनको कोई तकलीफ है. हालांकि, बदलती जीवनशैली, खानपान और मौसम के प्रभाव से युवा भी रक्तचाप की समस्या से ग्रसित हो रहे हैं. इस उम्र के युवाओं की हृदयघात से होने वाली मौत की संख्या भी बढ़ रही है. यह स्थिति चिंताजनक है. ऐसे में तेजी से पड़ रही ठंड में जरा सी लापरवाही हृदय रोगियों के लिए आफत बन रही है. इसलिए समय पर जांच करवाते रहें.
सर्दी में डॉक्टरों की सलाह
वहीं, डॉक्टर अजय शर्मा ने कहा कि हार्ट अटैक से बचने के लिए आप व्यायाम कर वजन कम करें. चूंकि,धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़ें. साथ ही हार्ट अटैक के प्रमुख कारण कारण मोटापा, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्राल, हाई बीपी, हाई फैट डाइट है. वहीं, शीतलहर के दौरान सुबह के वक्त टहलने से बचना चाहिए और गर्म कपड़े पहनने चाहिए.
डॉक्टरों के मुताबिक, कड़ाके की सर्दी में लोगों को अपने स्वास्थ्य का ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है. वहीं, ठंड में धमनियां ज्यादा सिकुड़ती हैं, जिससे रक्त प्रवाह में रुकावट आती है। ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
39 साल के प्रताप को आया हार्ट अटैक
बता दें कि, राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में ही इलाज करवा रहे प्रताप सिंह को बीते 4 दिन पहले हार्ट अटैक आया था. जहां रात को सोते वक्त सीने में दर्द हुआ और इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. गौरतलब है कि प्रताप सिंह एक मजदूर है. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी मरीजों को उतना ही अधिक खतरा रहता है.