9 साल में 3 करोड़ पक्के घर बनवाए, इतनी कई देशों की आबादी नहीं… पीएम मोदी ने पेश की बुलंद भारत की तस्वीर

नई दिल्ली: इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनस समिट 2023 ( 2023) की शुक्रवार से शुरुआत हो गई। इस दो दिवसीय समिट की द टाइम्स ग्रुप मेजबानी कर रहा है। दिल्ली के होटल ताज पैलेस में इसका आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने (ET Global Business Summit) को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्हें 6 मार्च 2020 को ईटी ग्लोबल बिजनस समिट में शामिल होने का मौका मिला था। ऐसे तो तीन साल का समय बहुत लंबा नहीं होता है। लेकिन अगर इस तीन साल के समय को देखें तो लगता है कि पूरे विश्व ने एक बहुत लंबा सफर तय किया है। जब हम पिछली बार मिले थे तो मास्क रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा नहीं थे। लोग सोचते थे कि मास्क गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए है। यह वो समय था जब लोगों ने घूमने की तैयारी भी कर रखी थी। लेकिन ईटी की 2020 की उस समिट के बाद डब्ल्यूएचओ ने कोविड को महामारी घोषित कर दिया। इसके बाद हमने देखा कि कुछ ही समय में पूरी दुनिया ही बदल गई। इन तीन वर्षों में पूरा विश्व बदल गया है। वैश्विक व्यवस्थाएं बदल गई हैं। 28 लाख करोड़ रुपये किए गए ट्रांसफर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में सरकारों के खर्च बढ़ते गए लेकिन इसी के साथ गरीबी भी बढ़ती गई। आज से चार दशक पहले तब के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि वैल्फेयर के लिए जब एक रुपया दिल्ली से भेजते हैं तो बेनिफिशियरी तक पहुंचते-पहुंचते वो 15 पैसे हो जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अभी तक अलग-अलग स्कीम्स के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर इन वेलफेयर स्कीम के तहत 28 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुकी है। उन्होंने कहा कि अब अगर देखें तो जो जब कहा जाता था कि लाभार्थियों के पास 15 पैसे पहुंचते हैं तो देखें तो ये रकम भी किसी की जेब में चली गई होती। गरीबों के पास सिर्फ चार लाख करोड़ रुपये ही पहुंचा होता। लेकिन आज जब दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो 100 के 100 रुपये लोगों के पास पहुंचते हैं। हर रोज 5 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनें बिछ रहीं पीएम मोदी ने कहा कि देश तरक्की की तेज रफ्तार पर है। आज भारत में 38 किलोमीटर पर डे की स्पीड से हाईवे बन रहे हैं। वहीं देश में रोजाना 5 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनें रोजाना बिछ रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में साढ़े तीन लाख किलोमीटर रूलर रोग बनाई गई हैं। करीब 80 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बने हैं। इन्हीं नौ वर्षों में तीन करोड़ गरीब परिवारों को पक्के घर बनाकर दिए गए हैं। ये आंकड़ा इतना बड़ा है कि दुनिया के कई देशों की आबादी भी इतनी नहीं है, जितने घर बनाकर गरीबों को दिए गए हैं। पीएम ने कहा कि भारत में पहली मेट्रो 1984 में शुरू हुई थी। लेकिन इसके बाद भी देश के ज्यादातर शहर मेट्रो से वंचित रहे। 2014 तक हर महीने आधा किलोमीटर तक ही नई मेट्रो लाइन बिछा करती थीं। लेकिन मौजूदा समय में देश में हर महीने करीब 6 किलोमीटर पर मंथ हो चुकी है। अभी भारत मेट्रो लेंथ के मामले में पांचवें नंबर पर पहुंच चुका है। अब आने वाले कुछ महीनों में हम तीसरे नंबर पर पहुंचने वाले हैं।