26 Vs 38 : 2024 से पहले NDA और विपक्ष के बीच ‘सबसे बड़ा’ शक्ति प्रदर्शन आज, कौन किसके साथ तस्वीर होगी पूरी साफ

नई दिल्‍ली: विपक्ष के 26 दलों के शीर्ष नेता बेंगलुरु में जुटे हैं। सोमवार को रात्रिभोज के मौके पर इन्‍होंने बैठक की। विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा 18 जुलाई यानी आज होगी। इसी दिन दिल्ली के 5 स्‍टार होटल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक होने वाली है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि में 38 दल शामिल होंगे। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह एनडीए और विपक्ष के बीच सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा। बेंगलुरु और राजधानी में इन दो बैठकों से यह तस्‍वीर भी साफ होगी कि कौन किसके साथ है। विपक्षी दल जहां एकजुट होकर अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी की राह रोकने की रणनीति बनाएंगे। वहीं, बीजेपी एनडीए की बैठक के जरिये विपक्ष को अपनी ताकत का अंदाजा कराएगी। विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को औपचारिक रूप से मंत्रणा करेंगे कि कैसे अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक साझा कार्यक्रम तैयार किया जाए और एकजुट होकर उसे मात दी जाए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य नेता भी मंगलवार को दूसरे दिन की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद बैठक में शामिल होने वाले विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आगे की रूपरेखा पेश करेंगे। व‍िपक्षी दलों की दूसरे द‍िन की चर्चा आज विपक्षी दलों की बैठक के दूसरे दिन की चर्चा आज होगी। दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में इसी दिन एनडीए की बैठक होने वाली है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि एनडीए की बैठक में 38 दल शामिल होंगे। चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) सहित भाजपा के कई नए सहयोगी दल राजधानी में एनडीए की इस महत्वपूर्ण बैठक में शिरकत करेंगे। लंबे अरसे बाद एनडीए की इस तरह की बैठक हो रही है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के एनडीए की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है। इनमें से कुछ दलों ने पहले भी बीजेपी के साथ साझेदारी की थी।जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल जैसे अपने कई पारंपरिक सहयोगियों को खोने के बाद बीजेपी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, एनसीपी के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट, उत्तर प्रदेश में ओपी राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा और जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और आरएलजेडी के साथ गठबंधन करने में सफल रही है। पीएम मोदी भी होंगे एनडीए की बैठक में शाम‍िल बीजेपी अध्यक्ष ने इन दलों को बैठक में उपस्थिति के लिए निमंत्रण भेजा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी इसमें मौजूद रहेंगे। एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा था कि अजित पवार और वह दिल्ली में एनडीए की बैठक में मौजूद रहेंगे। जन सेना के नेता पवन कल्याण और आरएलजेडी नेता कुशवाहा ने कहा है कि वे एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक और पूर्वोत्तर राज्यों तथा देश के अन्य हिस्सों के कई दल भी बैठक में मौजूद रहेंगे।नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान इस स्तर की यह एनडीए की पहली बैठक है। यह अगले साल अप्रैल-मई में संभावित लोकसभा चुनावों से पहले प्रमुख गठबंधन सहयोगी के रूप में अपनी साख पेश करने की सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर अनिवार्यता को रेखांकित करती है। उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की कई सीटों पर क्षेत्रीय दलों का किसी विशेष क्षेत्र या जाति में खासा प्रभाव माना जाता है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 120 सीट हैं।लोकसभा में लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल करने के लिए बीजेपी ने जहां नए सहयोगियों को समायोजित करने का प्रयास किया है। वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी गुट को कमजोर करने का भी काम किया है। कांग्रेस ने क‍िया है बीजेपी पर हमला कांग्रेस ने सोमवार को कहा था कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीतिक परिदृश्य के लिए ‘पासा पलटने वाली’ साबित होगी। बीजेपी पर निशाना साधते हुए उसने कहा कि जो लोग विपक्षी दलों को अकेले हराने की बात करते थे, वे अब ‘भूत’ बन चुके एनडीए में नई जान फूंकने का प्रयास कर रहे हैं।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अचानक एनडीए की याद आ गई है। वह बोले कि एनडीए में नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। एनडीए के बारे में कोई बात नहीं होती थी। अचानक पिछले कुछ दिनों से हम इसके बारे में सुन और पढ़ रहे हैं। अचानक, यह बताया गया कि एनडीए की बैठक बुलाई गई है। इसलिए एनडीए जो भूत बन गया था अब इसमें एक नई जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि बेंगलुरु की बैठक में राजनीतिक दल स्पष्ट रूप से विमर्श तय कर रहे हैं। जबकि बीजेपी प्रतिक्रिया दे रही है। उन्होंने दावा किया कि एनडीए के सहयोगियों में से आठ के पास एक भी सांसद नहीं है, नौ के पास एक-एक सांसद हैं और तीन के पास दो-दो सांसद हैं।