भारत में चीता प्रोजेक्ट के सफल प्रयोग के बाद मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में एक बार फिर से चीतों का कुनबा बढ़ने जा रहा है.श्योपुर में चीता सेंचुरी को लेकर तैयार किए गए कूनो नेशनल पार्क में नामिबिया से लाकर बसाए गए 8 चीतों के बाद अब साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाये जा रहे है. कूनो नेशनल पार्क एक बार फिर से जीतों से गुलजार होने वाला है.अफ्रीकन चीतों को कूनो में लाने के लिए भारत से 4 लोगों का एक विशेष दल भी शनिवार को साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हो चुका है.
साउथ अफ्रीका से 12 चीते कूनों में लाए जा रहे है. चीतों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि मध्य प्रदेश हिंदुस्तान का टाइगर और लेपर्ड और वल्चर स्टेट है. अब यह चीता स्टेट भी बन गया है. कुछ चीते पहले आ गए और कुछ 18 तारीख को आने वाले हैं.
कैसी है तैयारी?
दक्षिण अफ्रीकी चीते 18 फरवरी की सुबह मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचेंगे.यहां से 30 मिनट बाद उन्हें भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों से लगभग 165 किमी दूर कूनो ले जाया जाएगा.दोपहर 12 बजे कूनो पहुंचने के बाद चीतों को आधे घंटे (12.30 बजे) के बाद क्वारंटीन बोमा (बाड़ों) में रखा जाएगा.दक्षिण अफ्रीकी चीतों के लिए कूनो में तैयार किये गए 30 बाड़े, 50 वर्ग मीटर के सभी अलग अलग10 बाड़े दक्षिण अफ्रीका में बने बाडों की तरह ही बनाए गए है. बता दें कि आ रहे चीतों में 7 नर और 5 मादाएं शामिल हैं.
नामीबिया से आए चीते पूरी तरह स्वस्थ
वहीं नामिबिया से लाये गए 8 चीतों को लेकर भी सवाल उठ रहा था कि वो भारत के वातावरण में ढल पाएंगे या नहीं ? लेकिन सभी 8 चीते पूरी तरह से स्वस्थ है, जो अब कुनो के वातावरण के माहौल में पूरी तरह से ढल चुके है. पहले इन्हें छोटे बाड़े में रखा गया था. वहीं दो माह बाद ही इन्हें बड़े बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया था. 8 चीते जमकर शिकार भी कर रहे है. एक चीते की तबीयत पहले ख़राब हुई थी, जिसके बाद इसे छोटे बाड़े में इलाज के लिए रखा गया था. लेकिन अभी वह पूरी तरह स्वस्थ है.
केंद्रीय मंत्री और सीएम रहेंगे मौजूद
18 फरवरी को कूनो नेशनल पार्क पहुंचने बाले अफ्रीकन चीतों को बाड़े में छोड़ने के लिए केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर सहित मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह मौजूद रहेंगे. कुल मिलाकर मध्य प्रदेश में अब चीतों का कुनबा लगातार बढ़ता ही जाएगा.