एक रस्सी से 10-10 छात्र कूदे… मुखर्जी नगर का डराने वाला सीन, जहां पूरा होता है IAS बनने का सपना

नई दिल्ली: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मशहूर दिल्ली केमुखर्जी नगर की एक कोचिंग में आग लगने से हड़कंप मच गया। तीसरी मंजिल से छात्र खिड़की तोड़कर रस्सी से लटककर नीचे उतरने लगे। लड़के ही नहीं, लड़कियां भी विंडो एसी के सहारे उतरती गईं। हालांकि ये इतना आसान नहीं था। दो तरफ से रस्सी से लटके छात्र एक-एक कर उतर रहे थे। आज दोपहर 12 बजे के बाद ‘संस्कृति कोचिंग सेंटर’ में आग लगी थी। आपाधापी में कई लड़कियों और लड़कों को चोट आई है। कुछ बच्चे रस्सी से लटकते ही फिसलकर नीचे आ गए जिससे जख्मी हो गए। यह खौफनाक मंजर देख नीचे लोगों की भीड़ जमा हो गई। किसी का बैग ऊपर से गिरता, किसी का जूता… अरे गिर जाएगी, आराम से उतरो। यह शोर काफी देर तक सुनाई देता रहा। नीचे खड़े लोग छात्रों को अलर्ट कर रहे थे। फायर ब्रिगेड की 11 गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। मुखर्जी नगर घनी आबादी वाला क्षेत्र है। ये तो छात्रों का अड्डा हैयह वही इलाका है जो आईएएस परीक्षा की तैयारी के लिए देशभर में मशहूर है। इसे आप क्लास-वन की तैयारी का छात्रों का अड्डा या हब समझिए। यहां सरकारी नौकरियों की तैयारी कराने वाले कई कोचिंग सेंटर हैं। यहां की गलियों में किताबों की दुकानों की भरमार है। चारों तरफ छात्र और चाय की दुकानें दिखेंगी। सुबह से लेकर देर रात तक प्रतियोगी छात्रों से मुखर्जी नगर गुलजार रहता है। यहां का रिजल्ट भी अच्छा ही रहता है। यहां रहकर पढ़ाई करने वाले बड़ी संख्या में छात्र यूपीएससी की परीक्षा में सफल हुए हैं।नाम की बात करें तो बंटवारे के बाद हडसन लेन, आउट्राम लेन और किंग्सवे कैंप वाले इलाके में पुनर्वास कॉलोनियां बसाई गईं। इसे बाद में श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर मुखर्जी नगर कहा गया। कुछ साल पहले की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुखर्जी नगर में हर रोज करीब 3 लाख लोग रहते हैं या आते हैं इसलिए यहां मकान का किराया, बिजली बिल, पानी बिल, टिफिन की भी काफी चर्चा होती रहती है। कई लोग आईएएस बनने के बाद भी मुखर्जी नगर का किस्सा बड़े चाव से सुनाते हैं। मुखर्जी नगर को कुछ लोग मिनी भारत कहते हैं क्योंकि यहां देश के कोने-कोने से छात्र अच्छी नौकरी के सपने को पूरा करने के लिए आते हैं। जिन छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी में हॉस्टल नहीं मिलता, वे यहां रहने आते हैं। हिंदी भाषी प्रतियोगी छात्र यहां ज्यादा देखे जाते हैं। अंग्रेजी मीडियम वाले छात्र राजेंद्र नगर और दूसरी जगहों पर कोचिंग पढ़ने जाते हैं। घर से पैसा लेकर तैयारी करने वाले छात्र मुखर्जी नगर में समूह में रहते हैं, जिससे खर्चा कम आए। एक कमरे में दो छात्र से लेकर 4-5 भी रह जाते हैं। यहां 25 हजार रुपये तक के भी फ्लैट हैं। कई लोगों ने तो घर को ही पीजी में बदल दिया है और बेड के हिसाब से प्रतियोगी छात्रों से पैसे लेते हैं। छात्रों के लिए अच्छा रहता है कि उन्हें खाना बनाने की दिक्कत नहीं होती, पूरा समय वे पढ़ाई में लगा सकते हैं।